यह ब्लॉग बात की बात में दो टूक बात कहने का है. इस ब्लॉग का विचार समाज की उन प्रवृत्तियों का सामना करने के उद्देश्य से उपजा है जो सच को उजागर होने से प्रायः विचलित हो जाते हैं. समाज की ऐसी प्रवृत्तियाँ आसन्न परिस्थितियों का सामना तब तक करने से कतराती हैं जब तक समाज विखंडित होने की कगार पर न पहुँच जाए.